A SECRET WEAPON FOR पारद शिवलिंग के लाभ

A Secret Weapon For पारद शिवलिंग के लाभ

A Secret Weapon For पारद शिवलिंग के लाभ

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अशी मान्यता आहे. लंकेचा राजा रावणाने पारद शिवलिंगाची पूजा करून भगवान शंकराला प्रसन्न करून अनेक शक्ती प्राप्त केल्या होत्या. अशी मान्यता आहे.

पारे, चाँदी और जड़ी बूटी को मिलाकर के जो शिवलिंग बनता है, वह पारद शिवलिंग कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव को पारा बहुत प्रिय है और उनके इस शिवलिंग की पूजा करने का विशेष महत्व है।।

पुराणात अशी मान्यता आहे की जाते की जिथे पारद शिवलिंगाची पूजा केली जाते, तिथे भगवान शिव वास करतात. यामुळेच पारद शिवलिंगाची पूजा करणाऱ्या भक्तावर लवकरच शिवाची कृपा होते.

फुलेरा दूज के दिन पूजा का फल प्राप्त करने के लिए जरूर करें ये जरूरी काम

सर्वप्रथम प्रतिमा को गंगाजल एवं कच्चे दूध से नहलाएं।

परभणीतील नांदखेडा रस्त्यावरील बेलेश्वर कॉलेज समोर हे here ठिकाण आहे.

यासाठी संबंधित क्षेत्रातील तज्ज्ञांचा सल्ला आणि मार्गदर्शन घेणे आवश्यक आहे.)

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पारद शिवलिंग को घर में रखना चाहिए या नहीं

पारद शिवलिंग ज्या घरात असेल तेथे अकाल मृत्यू चे भय राहत नाही.

शिवलिंग: ज्योतिषीय महत्व, स्थापना विधि एवं मंत्र

पारद और स्फटिक शिवलिंग की स्थापना किसी विद्वान पंडित के मार्गदर्शन में विधि-विधान के अनुसार ही करनी चाहिए। इन शिवलिंगों को स्थापित करने के लिए शुभ मुहूर्त का चयन भी आवश्यक माना जाता है। साथ ही, इनकी नियमित रूप से पूजा करना महत्वपूर्ण है।

इसकी स्थापना सोमवार के दिन चंद्र के होरा में करें।

पारद शिवलिंग हे पारा आणि चांदीच्या मिश्रणाने बनवलेले असते.

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